शिप्रा से त्रिवेणी बैराज पहुंचा नर्मदा का पानी

उज्जैन।शहर में पेयजल संकट के चलते पीएचई विभाग द्वारा गंभीर बांध का पानी 100 एमसीएफटी से भी कम रहने की स्थिति में शिप्रा और गंभीर बांध के पानी से पानी लेकर शहर में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय किया जा रहा है, लेकिन शिप्रा नदी के गऊघाट बैराज में भी पानी खत्म होने की स्थिति में एनवीडीए से नर्मदा के पानी की मांग की गई थी। बीती रात शिप्रा बैराज से त्रिवेणी के लिये 90 एमसीएफटी के करीब पानी छोड़ा गया जो सुबह त्रिवेणी तक धीमी गति से पहुंचा और यहां नदी में चैनल कटिंग के बाद पानी को त्रिवेणी बैराज की तरफ बढ़ाया जा रहा है।
पीएचई अधिकारियों द्वारा दावा किया जा रहा है कि शहर में एक दिन छोड़कर 30 जून तक जलप्रदाय में कोई समस्या नहीं आयेगी। तब तक मानसून की बारिश भी शुरू होने का अनुमान है। वर्तमान में शिप्रा और गंभीर नदी से पानी लेकर शहर में जलप्रदाय किया जा रहा है इस कारण गऊघाट बैराज का जलस्तर भी तेजी से कम हो रहा था। इसी के चलते पीएचई द्वारा एनवीडीए से 90 एमसीएफटी पानी की मांग की गई थी। बीती रात देवास स्थित शिप्रा बैराज से उज्जैन के त्रिवेणी घाट के लिये पानी छोड़ा गया। हालांकि बीच में नदी खाली होने के कारण पानी धीमी गति से त्रिवेणी घाट की तरफ पहुंच रहा है।

इस पानी को बैराज तक ले जाने के लिये नदी के बीच में चैनल कटिंग की गई है और यह पानी इसी चैनल के माध्यम से बैराज तक पहुंच रहा है। नर्मदा का पानी त्रिवेणी बैराज पर एकत्रित होने पर उसे गऊघाट की ओर छोड़ा जायेगा। हालांकि शिप्रा बैराज से छोड़ा गया 90 एमसीएफटी पानी त्रिवेणी तक पहुंचने पर मात्र 40 एमसीएफटी रहने का अनुमान है, लेकिन आगामी दिनों में शहर में पेयजल संकट के दौरान इस पानी से एक दिन छोड़कर जलप्रदाय करने में मदद अवश्य मिलेगी।

नदी से हटाईं रैलिंग
मानसून सीजन शुरू होने के साथ शिप्रा नदी के पुलों पर लगी रैलिंग हटाने का काम भी शुरू हो चुका है। रामघाट के दत्त अखाड़ा छोटी रपट पर लगी रैलिंग सुबह कर्मचारियों द्वारा निकाली जा रही थी। बारिश के मौसम में किसी भी समय नदी का जल स्तर बढऩे की स्थिति में नदी के पुलों को क्षति न हो इस कारण प्रतिवर्ष रैलिंग हटा ली जाती है।

आखिरी बार नदी से सप्लाय
एनवीडीए द्वारा नदी के रास्ते उज्जैन के लिये संभवत: यह आखिरी बार पानी छोड़ा गया है। यदि इसके बाद पानी की आवश्यकता होती है तो शिप्रा बैराज से त्रिवेणी तक डाली गई पाइप लाइन के माध्यम से पानी उज्जैन तक पहुंचाया जायेगा। अधिकारियों का कहना है कि पाइप लाइन से पानी मिलने पर पानी व्यर्थ बहने अथवा चोरी की समस्या भी खत्म हो जायेगी और जितना पानी शिप्रा बैराज से छोड़ा जायेगा पूरा त्रिवेणी घाट पर आयेगा।

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